टैटू बनवाया और बन गए एड्स के मरीज!

Got a tattoo and became an AIDS patient!

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आजमगढ़। आजमगढ़, मिर्जापुर और वाराणसी मंडल के दस जिलों में 26,890 एचआईवी संक्रमित हैं। इनमें 50 फीसदी की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है।

40 लोग ऐसे मिले हैं, जो टैटू बनवाने के बाद संक्रमित हो गए। डॉक्टरों के मुताबिक, टैटू बनाने वाले गलत सुई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जिस सुई से टैटू बनता है, उसके प्रति सुई की कीमत 1200 रुपये होती है। इसके बावजूद चौक-चौराहों पर 200 रुपये में टैटू बना दिया जा रहा है।

इसका मतलब है कि सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ किया जा रहा। एक सुई का बार-बार इस्तेमाल भी संक्रमण की बड़ी वजह है।

स्वास्थ्य विभाग हर जिले के सरकारी अस्पतालों में एआरटी सेंटर का संचालन करता है।

यहां एचआईवी संक्रमितों का पंजीकरण होता है, फिर जरूरी जांच और इलाज की व्यवस्था की जाती है।

दस जिले के एआरटी सेंटर की पड़ताल से पता चला कि संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। वाराणसी में ही हजारो एचआईवी संक्रमित पंजीकृत हैं।

इनमें से 26 ऐसे हैं, जिन्होंने काउंसिलिंग के दौरान संक्रमण की वजह टैटू बताई है।

सबने चौक-चौराहे से ही टैटू बनवाया था। इसी तरह टैटू बनवाने वाले आजमगढ़ के 12 लोग एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ गए।

source – agency