थाईलैंड में सियासी भूचाल- शिनावात्रा का सीक्रेट फोन कॉल लीक

Political turmoil in Thailand - Shinawatra's secret phone call leaked
Political turmoil in Thailand – Shinawatra’s secret phone call leaked

बैंकाक थाईलैंड में सियासी भूचाल मचा है। थाईलैंड की पीएम पेटोंगटार्न शिनावात्रा का सीक्रेट फोन कॉल लीक हो गया। इसके कारण उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। केवल उनकी कुर्सी ही नहीं, सरकार भी खतरे में है। तख्तापलट की भी बात सामने आ रही है।

थाईलैंड की पीएम पैटोंगटार्न का यह लीक्ड फोन कॉल कंबोडिया के नेता के साथ की है। बवाल की जड़ भी यह फोन कॉल ही है। उनकी सहयोगी पार्टी सरकार से अलग हो गई है। विपक्ष इस्तीफे और नए सिरे से चुनाव कराना चाहता है। हालांकि, थाईलैंड पीएम फोन कॉल लीक पर माफी भी मांग चुकी हैं, लेकिन बात बनती नजर नहीं आ रही। बता दें 15 जून को हुई 17 मिनट की कॉल में थाईलैंड पीएम पेटोंगटार्न ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर विवाद पर बात की थी। इसी लीक ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, बल्कि पेटोंगटार्न की कुर्सी को भी खतरे में डाल दिया है।  Shinawatra’s secret phone call leaked

विवाद की जड़ 28 मई को ‘एमराल्ड ट्रायंगल’ में हुई एक सैन्य झड़प शुरु हुई। यहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं। इस झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों देशों में राष्ट्रवादी भावनाएं भड़क उठीं। कंबोडिया ने थाईलैंड पर ड्रोन उड़ाने और सैन्य उकसावे का आरोप लगाया, जबकि थाईलैंड ने इनकार किया। कंबोडिया ने थाई आयात, टीवी ड्रामा और इंटरनेट बैंडविड्थ पर बैन लगा दिया, जिससे तनाव और बढ़ गया है।

थाईलैंड पीएम पर पहले से भी आरोप लगते रहे हैं कि उनका कंबोडिया के प्रति नरम रुख है। यही कारण कि वह दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के निशाने पर रही हैं। थाईलैंड पीएम की 17 मिनट की यह बातचीत कंबोडिया की सीनेट के अध्यक्ष हुन सेन के साथ है। जब रिकॉर्डिंग थाई लोगों के सामने आई तो हंगमा मच गया। इस बातचीत में थाई पीएम पैटोंगटार्न ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहकर संबोधित किया था। यह बात थाई लोगों को नागवार गुजरी। थाईलैंड की पीएम इसलिए भी निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने थाई सेना के एक अधिकारी को विरोधी कहा था। वह थाई सेना का जवान उस सीमा इलाके की कमान संभाल रहा था, जहां झड़प हुई थी।

थाई पीएम के इस बयान ने थाई सेना और राष्ट्रवादियों को नाराज कर दिया है। इसका कारण है कि सेना का थाईलैंड की राजनीति में ऐतिहासिक प्रभाव रहा है। कंबोडियाई नेता हुन सेन ने इस कॉल को 80 कंबोडियाई अधिकारियों के साथ शेयर किया। इसके बाद यह पब्लिक डोमेन में आ गया। इतना ही नहीं उन्होंने इसे फेसबुक पर भी पोस्ट कर दिया। थाई पीएम के आलोचकों का कहना है कि वह हुन सेन को बहुत ज्यादा खुश करने की कोशिश कर रही थीं, जिससे थाईलैंड कमजोर नजर आ रहा है।

इस फोन लीक के बाद थाईलैंड पेटोंगटार्न की गठबंधन सरकार से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भूमजयथाई ने समर्थन वापस ले लिया। इसकी वजह से उनकी संसदीय बहुमत कमजोर हो गई। विपक्षी नेता नट्टाफोंग रुएंगपन्यावुट ने संसद भंग करने की मांग की है। बैंकॉक में सैकड़ों प्रदर्शनकारी पेटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पेटोंगटार्न ने माफी मांगते हुए कहा कि यह बातचीत की रणनीति थी, लेकिन आलोचकों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रीय हितों से समझौता किया।

बता दें थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किमी लंबी सीमा पर प्रियह विहार मंदिर जैसे क्षेत्रों को लेकर दशकों से विवाद है। 1962 में आईसीजे ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना, लेकिन सीमा का कुछ हिस्सा अभी भी अस्पष्ट है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद कोई नया नहीं है। यह दशकों पुराना सीमा विवाद है। विवाद का केंद्र प्रियह विहार मंदिर और ‘एमराल्ड ट्रायंगल’ क्षेत्र है। यह विवाद 28 मई 2025 को तब भड़का, जब एमराल्ड ट्रायंगल में सैन्य झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई।

source – ems