Health: जामुन औषधीय गुण भी बेहद खास

jamun khane ke fayde
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गर्मियों में बहुतायत में पाए जाने वाला फल जामुन का स्वाद जितना लोगों को पसंद आता है, उससे कहीं अधिक यह सेहत के लिए लाभकारी माना गया है। खासतौर पर डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।

आयुर्वेद में जामुन को कफ और पित्त दोष को संतुलित करने वाला फल माना गया है। इसका नियमित सेवन शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, इसकी गुठली, छाल और पत्ते भी कई बीमारियों के इलाज में उपयोग किए जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जामुन में कषाय रस (कसैला स्वाद) और रूक्ष गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे शरीर में ग्लूकोज का उपयोग बेहतर तरीके से होता है और खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है। जामुन की गुठली में जैम्बोलिन और जैम्बोसिन जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों को जामुन और इसके बीजों से बने चूर्ण का सेवन करने की सलाह दी जाती है। jamun khane ke fayde or nuksan

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जामुन में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से भी बचाते हैं। यह न केवल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है, बल्कि पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, भूख को नियंत्रित करता है और मोटापा घटाने में भी मदद करता है, जो डायबिटीज के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। जामुन का सेवन करने के लिए कई तरीके हैं। सबसे आसान तरीका है ताजे जामुन को खाना। इसके अलावा जामुन की गुठली को सुखाकर उसका पाउडर बना लिया जाए और रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लिया जाए तो इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जामुन का सिरका भी बनाया जा सकता है, जो पाचन में सहायक होता है।

साथ ही इसकी छाल का काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है, जो यूरिन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरदार होता है। हालांकि विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि जामुन को डायबिटीज की दवा का विकल्प नहीं माना जा सकता, इसलिए हाई डायबिटिक पेशेंट्स को डॉक्टरी सलाह के साथ ही इसका सेवन करना चाहिए। बता दें कि मौसमी फल जामुन सिर्फ स्वाद में लाजवाब नहीं होता, बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे बेहद खास बना देते हैं। गहरे बैंगनी रंग का यह फल भारत में सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है।

source – ems