कोल्ड्रिफ के मालिक होंगे गिरफ्तार
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटाया गया

नागपुर/छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश में दूषित कफ सिरप कोल्ड्रिफ पीने से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढक़र 23 हो गया है, जबकि 5 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद, उपमुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि ये मौतें जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से जुड़े किडनी फेल होने के कारण हुई हैं। छिंदवाड़ा से एक पुलिस टीम तमिलनाडु के कांचीपुरम पहुंची है, जहां वे कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने गए हैं। इस मामले में एक और एक्शन हुआ है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बुधवार को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे नए सिविल सर्जन बनाए गए हैं। cough syrup news update
नरेश गोन्नाड़े सीएमएचओ भी हैं, उनके पास सिविल सर्जन का प्रभार भी था। जिसके बाद उनसे सिविल सर्जन का चार्ज वापस ले लिया गया है। इससे पहले बुधवार को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। वे मृतक बच्चों के परिजन से भी मिले। इस बीच खबर है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को छिंदवाड़ा आएंगे। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, वे परासिया में कफ सिरप पीने से मृत बच्चों के परिजन से मुलाकात करेंगे। बता दें कि शुक्ला ने मंगलवार को नागपुर में इलाजरत बच्चों के परिवारों से मुलाकात की थी। मृत्यु का कारण बनी कफ सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कोल्ड्रिफ फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी। छिंदवाड़ा पुलिस की एक टीम कंपनी के मालिक को पकडऩे के लिए कांचीपुरम गई है।
बीते 24 घंटे में तीन बच्चों की मौत
बता दें कि नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तामिया की धानी डेहरिया (डेढ़ वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (ढाई वर्ष) ने दम तोड़ दिया है। इन मौतों के बाद छिंदवाड़ा जिले में मृतकों की कुल संख्या 20 तक पहुंच गई है। पांढुर्ना में भी एक जान पहले जा चकी है। बैतूल में भी दो बच्चों की मौत हुई है। अब भी पांच बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही
जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम प्रमुख है, ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और हालत लगातार बिगड़ती चली गई। मेडिकल जांच में इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा था। इसी कारण कई बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई।
source – ems