रक्षाबंधन त्योहार की सुबह एकदम शुभ और बाधा रहित होगी

रक्षाबंधन

rakshabandhan
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भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित सबसे खास त्योहार रक्षाबंधन इस वर्ष 9 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसे आम भाषा में राखी भी कहा जाता है। यह पर्व हिंदू संस्कृति में भाई-बहन के अटूट स्नेह, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। वहीं राजधानी भोपाल में राखियों की दुकानें सज गई हैं।

भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है, जो भाई-बहन के प्रेम को नई ऊर्जा और मजबूती देता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांधकर उसके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। वहीं भाई जीवनभर उसकी रक्षा करने का वचन देता है। यह पर्व केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक बंधन का उत्सव है, जो विश्वास, समर्पण और स्नेह को दर्शाता है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से भी इस बार का रक्षाबंधन विशेष बन गया है। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, भद्रा 8 अगस्त की दोपहर 2:46 बजे आरंभ होकर रात 1:55 बजे समाप्त हो चुकी होगी। इसका अर्थ है कि त्योहार की सुबह एकदम शुभ और बाधा रहित होगी।

कब बांधें राखी
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का सबसे श्रेष्ठ समय सुबह 7:00 बजे से 9:30 बजे तक रहेगा। यदि इस अवधि में राखी नहीं बांधी जा सके, तो दिन का अभिजीत मुहूर्त—सुबह 11:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक—भी राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इन समयों में की गई पूजा और संकल्प अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।

source  – ems