Sawan 2025: शिव का पवित्र महीना

शिव पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

sawan 2025
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सावन माह के पहले सोमवार 14 जुलाई को धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र रहेगा, आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी रहेगी इस समय भगवान शिव का पूजन भक्तों को शुभता देने वाला होगा। sawan 2025 pujan vidhi

जल से शिव का अभिषेक करने पर दीघार्यु प्राप्ति होती है तथा विघ्नों का नाश होता है दूध से अभिषेक करने पर स्वस्थ शरीर व निरोगी काया प्राप्त होती है। गन्ने के रस (इक्षु रस) से शिवजी अभिषेक करने पर लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है तथा व्यक्ति से संपन्न होता है। इत्र से (सुगंधित द्रव्य) से अभिषेक करने पर व्यक्ति कीर्तिमान होता है।शकरा(शक्कर) से अभिषेक करने पर पुष्टि में वृद्धि होती है आम रस से अभिषेक करने पर योग्य संतान प्राप्ति होती है। तेल से अभिषेक करने पर विघ्नों का नाश होता है। सरसों के तेल से श्रावण मास में शिव अभिषेक शत्रुओं का शमन करता है।गंगाजल से अभिषेक करने पर मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त होता है । घी से शिव का अभिषेक करने से संपन्नता आती है।

त्रिशूल
त्रिशूल शिव के हाथों में हमेशा होता है। यह 3 देव और 3 लोक का प्रतीक है। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी का त्रिशूल लाने से वर्ष भर आपदाओं से रक्षा होती है।

 रुद्राक्ष
सुख, सौभाग्य और समृद्धि के लिए तथा मन की पवित्रता के लिए असली रुद्राक्ष को घर में लाएं या फिर घर में रखे रुद्राक्ष को चांदी में गढ़वा कर पहनें। यह आपके जीवन के लिए अत्यंत शुभ और समृद्धिदायक होगा।

 डमरू
यह शिव का पवित्र वाद्य यंत्र है। इसकी पवित्र ध्वनि से आसपास से समस्त नकारात्मक शक्तियां दूर भागती है। आरोग्य के लिए भी डमरू की ध्वनि असरकारक मानी गई है। सावन मास के प्रथम दिन लाकर रखें और अंतिम दिन किसी बच्चे को यह डमरू उपहार में दें।

चांदी के नंदी
नंदी शिव जी का गण भी है और वाहन भी। सावन मास के पहले दिन चांदी के नंदी को घर में लाकर माह भर पूजा करें तो यह आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाता है।

चांदी का कड़ा
भगवान शिव पैरों में चांदी का कड़ा धारण करते हैं। सावन मास के पहले दिन यह लाकर रखने से तीर्थ यात्रा और विदेश यात्रा के शुभ योग बनते हैं।

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जल पात्र
जल शिव जी को अत्यंत प्रिय है। आप चाहे तो सावन मास के प्रथम दिन गंगाजल लाकर घर में रखें और माह भर पूजन करें लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो आप चांदी, तांबे या पीतल का पात्र लाकर उसमें शुद्ध स्वच्छ निर्मल जल भरें और प्रतिदिन उससे शिवजी को जल अर्पित कर पुन: भरकर रख दें। यह प्रयोग भी धन के आगमन के लिए सबसे अधिक प्रभावी है।

चांदी के बिल्व पत्र
हम पूरे सावन माह में शिव जी को बिल्व पत्र अर्पित करते हैं। लेकिन कई बार शुद्ध अखंडित बिल्वपत्र मिलना संभव नहीं होता। ऐसे में चांदी का महीन बिल्वपत्र लाकर प्रतिदिन शिव जी को अर्पित करने से करोड़ों पापों का नाश होता है और घर में शुभ कार्यों का संयोग बनता है।

सर्प
भगवान शिव के गले में सर्पराज हर घड़ी रहते हैं। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को घर में लाकर रखें, हर दिन पूजन करें और सावन के अंतिम दिन उसे किसी शिव मंदिर में ले जाकर रख दें। यह प्रयोग आपको पितृ दोष और काल सर्प योग में राहत देता है।

 चांदी की डिब्बी में भस्म
किसी भी शिव मंदिर से भस्म लाकर उसे नई चांदी की डिब्बी में लाकर रखें, माह भर उसे पूजन में शामिल करें और बाद में तिजोरी में रख दें। बरकत के लिए यह अचूक प्रयोग है।

चांदी का चंद्र या मोती
भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजित हैं। अत: सावन मास के प्रथम दिन चांदी के चंद्र देव लाकर पूजन में रखें अगर संभव हो तो सच्चा मोती भी ला सकते हैं। मोती चंद्र ग्रह की शांति करता है। इसे करने से चंद्र ग्रह की शांति तो होती ही है साथ ही मन भी मजबूत होता है।चाहे तो चंद्र और मोती का साथ में पेंडेट लाकर धारण कर सकते हैं।

source – pandit arpit sharma