भारत 200 नए हल्के हेलीकॉप्टरों से बढ़ाएगा ताकत, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली भारत की रक्षा क्षमता को मजबूती देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने पुराने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को रिटायर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इनकी जगह अब आधुनिक तकनीक से लैस लगभग 200 हल्के टोही और निगरानी हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे। यह निर्णय भारतीय सेना और वायुसेना दोनों की ताकत को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
दरअसल रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक सूचना पत्र में बताया गया है, कि सेना के लिए 120 और वायुसेना के लिए 80 हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता तय की गई है। ये हेलीकॉप्टर टोही, निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया मिशन, घायलों की निकासी, और खोज-बचाव अभियानों में उपयोग किए जाएंगे। इसके साथ ही ये अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए स्काउटिंग का कार्य भी करेंगे।
चेतक और चीता हेलीकॉप्टर 1960 और 1970 के दशक से सेवा में हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों और ऊंचाई वाले इलाकों में उपयोग के बावजूद अब ये हेलीकॉप्टर तकनीकी रूप से पुराने हो चुके हैं। उनकी जगह अब ऐसे हेलीकॉप्टर लाए जा रहे हैं जो दिन-रात सभी मौसम में संचालन करने में सक्षम होंगे और आधुनिक सैन्य अभियानों की जरूरतों को पूरा करेंगे।
इन हेलीकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया में भारतीय कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा, जो विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएमएस) के साथ साझेदारी कर निर्माण कर सकती हैं। इससे देश को आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण में बढ़ावा मिलेगा और एयरोस्पेस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (हेल) को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) की खरीद के लिए मंजूरी दी है। इनका इस्तेमाल विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
2025-26 तक रक्षा मंत्रालय कई आधुनिक प्रणालियों की तैनाती की योजना बना रहा है, जिनमें लो-लेवल रडार, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, मल्टीरोल हेलीकॉप्टर, और मिड-एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
source – ems