नोटरी पर प्लॉट खरीदा तो वकील का लाइसेंस होगा निरस्त

If the plot is registered at a notary then the lawyer's license will be cancelled
If the plot is registered at a notary then the lawyer’s license will be cancelled

इंदौर। शहर में भूमाफियों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है। इसमे नोटरी पर प्लाट खरीदने बेचने पर रोक लगा दी गई है और अगर आदेश का उल्लंघन कर किसी वकील ने नोटरी की तो उसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा

अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की खरीदी-बिक्री पर जिला प्रशासन ने नकेल कस दी है। कलेक्टर आशीष सिंह ने  इंदौर जिले की सीमा में अचल संपत्ति की नोटरी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।कलेक्टर सिंह ने अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री शून्य करने और कॉलोनाइजर को पैसे लौटाने का आदेश दिया था।  कलेक्टर सिंह ने नोटरी पर प्लॉटों की बिक्री रोकने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला पंजीयक, उप पंजीयक, एसडीओ, एसडीएम, थाना प्रभारी व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश २५ जुलाई तक प्रभावशील रहेगा।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ की धारा-१६३ (१) (२) के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि अचल संपत्ति की नोटरी पर रोक से जन-सामान्य को होने वाली परेशानियों के साथ अवांछनीय गतिविधियों को रोका जा सकता है। इस आदेश के बाद नोटरी होने पर नोटरी करने वाले वकील का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और एफआइआर जैसी कार्रवाई भी होगी।

अवैध कॉलोनियों में नोटरी पर प्लॉटों की खरीदी-बिक्री से बड़े पैमाने पर ठगी होती है। अवैध कॉलोनी काटने वाले सरकार से बगैर अनुमति व टैक्स चुकाए गड़बड़ी करते हैं। बाद में एक ही प्लॉट कई लोगों को बेच दिया जाता है। इससे विवाद होते हैं। पिछले दिनों जनसुनवाई में पहुंचे एक परिवार की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। जमीन से ज्यादा प्लॉटों की नोटरी करने से कई परिवारों की जीवन भर की पूंजी डूब जाती है। कुछ तो कर्ज लेकर प्लॉट खरीदते हैं।

अवैध कॉलोनी काटने वाले किसान से कच्ची जमीन का सौदा कर लेते हैं। बाद में मुरम या मलबे की सड़क बनाकर बोरवेल कराते हैं और प्लॉट बेचना शुरू कर देते हैं। पैसे लेने के बाद किसान से ही सीधे नोटरी या रजिस्ट्री करा देते हैं। बाद में जब अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई होती है तो किसान उलझ जाता है और गड़बड़ी करने वाले बच जाते हैं। प्रशासन ने ५८ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, उनमें से अधिकांश प्रकरणों में ऐसा ही किया गया है।

source- patrika