प्रथम विश्व ध्यान दिवस मेडिटेशन से खत्म करे टेंन्सन

world meditation day 2024
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आज 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन है और सबसे लंबी रात है. ये एक खगोलीय घटना की वजह से हर साल होता है, आज ही शीतकालीन संक्रांति होती है, जिसे भारतीय परंपरा में उत्तरायण कहा जाता है।यह दिन आंतरिक चिंतन और ध्यान के लिए शुभ माना जाता है.
इसलिये संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया ।
ध्यान दिवस क्यो ?
संसार के सभी व्यक्ति सुख एवं शान्ति चाहते हैं तथा विश्व में जो कुछ भी व्यक्ति कर रहा है, उसका एक ही मुख्य लक्ष्य है कि, इससे उसे सुख मिलेगा। व्यक्ति ही नहीं, कोई भी राष्ट्र अथवा विश्व के सम्पूर्ण राष्ट्र मिलकर भी इस बात पर सहमत हैं कि विश्व में शान्ति स्थापित होनी चाहिए। प्रतिवर्ष इसी उद्देश्य से ही एक व्यक्ति को, जो कि सर्वात्मना शांति स्थापित करने के लिए समर्पित होता है, उसको नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। परन्तु यह शान्ति कैसे स्थापित हो, इस बात को लेकर सभी असमंजस की स्थिति में हैं।

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सभी लोग अपने-अपने विवेक के अनुसार इसके लिए कुछ चिन्तन करते हैं, परन्तु एक सर्वसम्मत मार्ग नहीं निकल पाता। इसका अर्थ है कि दुनिया के लोग जिन उपायों पर विचार कर रहे हैं, उनमें सार्थकता तो है, परन्तु परिपूर्णता, समग्रता एवं व्यापकता नहीं। प्रचलित मत पन्थों, सप्रदायों एवं तथाकथित धर्मों को अपनाने से जहाँ व्यक्ति को एक ओर थोड़ी शान्ति मिलती है, वहीं इन संप्रदायों के पचड़े में पड़कर व्यक्ति कुछ ऐसे झूठ अन्धविश्वासों, कुरीतियों एवं मिथ्या आग्रहों में फँस जाता है। जिनसे निकलना मुश्किल हो जाता है। साथ ही वह पूर्ण सत्य से भी वंचित रह जाता है। परन्तु क्या ऐसा कुछ नहीं हो सकता, जिस पर दुनिया के हर इन्सान चल सकें? क्या ऐसे कुछ नियम, सिद्धान्त, मान्यताएँ एवं मर्यादाएँ हो सकती हैं, जिनपर पूरी दुनिया के सभी व्यक्ति चल सकें? जिससे किसी भी व्यक्ति एवं राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता नहीं होती हो और न ही किसी का व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्ध होता हो, जिसको प्रत्येक व्यक्ति अपना सकता हो और जीवन में पूर्ण सुख, शान्ति एवं आनन्द को प्राप्त कर सकता है।

यह है- महर्षि पतंजलि-प्रतिपादित अष्टांग योग का पथ। यह कोई मत-पन्थ या सप्रदाय नहीं, अपितु जीवन जीने की सम्पूर्ण पद्धति है। यदि संसार के लोग वास्तव में इस बात को लेकर गम्भीर हैं कि विश्व में शांति स्थापित होनी ही चाहिए तो इसका एकमात्र समाधान है अष्टांग योग का पालन। अष्टांग योग के द्वारा ही वैयक्तिक एवं सामाजिक समरसता, शारीरिक स्वास्थ्य, बौद्धिक जागरण, मानसिक शान्ति एवं आत्मिक आनन्द की अनुभूति हो सकती है।
ध्यान से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है.
ध्यान से तनाव, हिंसा जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है.
ध्यान से मन साफ़ होता है और भावनाएं स्थिर रहती हैं.
ध्यान और योग, स्वास्थ्य और कल्याण के पूरक उपाय हैं.
भारत ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करने की पहल की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाया। ध्यान और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया, जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्त करने योग्य मानक का आनंद लेने के लिए सभी के अधिकार को याद किया गया।इसके अतिरिक्त, महासभा ने स्वास्थ्य और कल्याण के पूरक दृष्टिकोण के रूप में योग और ध्यान के बीच संबंध को स्वीकार किया।
ध्यान क्या है?
तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम्।
उस धारणा किये हुए, अर्थात् नाभिचक्र, भ्रूमध्य या हृदय आदि में ध्येय रूप परमेश्वर में प्रत्यय एकतानता-ज्ञान का सदृशप्रवाह (एक-सा प्रवाह) ध्यान है। जैसे नदी जब समुद्र में प्रवेश करती है, तब वह समुद्र के साथ एकाकार हो जाती है, सदृश-प्रवाह हो जाती है। वैसे ही ध्यान के समय सच्चिदानन्द परमेश्वर के अतिरिक्त अन्य विषय का स्मरण नहीं करना, अपितु उसी अन्तर्यामी ब्रह्म के आनन्दमय, ज्योतिर्मय एवं शान्तिमय स्वरूप में मग्न हो जाना ध्यान है।
महर्षि पतञ्जलि के अष्टांग योग मे ध्यान को सातवें स्थान पर रखा गया है । ध्यान एक प्राचीन अभ्यास है जिसमें वर्तमान क्षण पर अपना ध्यान केंद्रित करना शामिल है। विभिन्न संस्कृतियों में धार्मिक, योगिक और धर्मनिरपेक्ष परंपराओं में निहित, ध्यान का अभ्यास हज़ारों वर्षों से किया जा रहा है। आज, इसे दुनिया भर में अपनाया जा रहा है, जो अपने आध्यात्मिक मूल से आगे बढ़कर व्यक्तिगत कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सार्वभौमिक उपकरण बन गया है।ध्यान की सबसे मान्यता प्राप्त परिभाषा आम तौर पर इसे एक अभ्यास के रूप में वर्णित करती है जहाँ व्यक्ति मन को प्रशिक्षित करने और मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक शांति और शारीरिक विश्राम की स्थिति प्राप्त करने के लिए माइंडफुलनेस, केंद्रित ध्यान या एकाग्र विचार जैसी तकनीकों का उपयोग करता है।

ध्यान के लाभ:
ध्यान केन्द्रित करने मे मदद
तनाव पर नियंत्रण
ब्लड प्रैशर कंट्रोल