सराफा में बंगाली कारीगरों का होगा पुलिस वेरीफिकेशन

Bengali artisans in Sarafa will have to undergo police verification
Bengali artisans in Sarafa will have to undergo police verification

इंदौर। शहर के सराफा बाजार में बड़ी मात्रा में बंगाली कारीगर काम करते हैं। ये कारीगर कई बार चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। अधिकांश कारीगर दुकान के बाहर बैठकर काम करते हैं। पहलगाम में हुई घटना के बाद सराफा बाजार एसोसिएशन ने इसे गंभीरता से लिया है। एसोसिएशन ने पुलिस से मांग की है कि सभी कारीगरों का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाए, ताकि वारदात आदि होने से बचा जा सके। तीन दिन पहले इन कारीगरों को बाहर करने पुलिस की टीम पहुंची थी। जांच में सभी कारीगर बंगाली यानि, पश्चिम बंगाल के निवासी निकले थे, जिससे उन्हें बाहर का रास्ता नहीं दिखा गया। बंगाली कारीगर को अब तक पुलिस और एसोसिएशन के पदाधिकारी बांग्लादेशी समझते थे। पुलिस की जांच से कारीगर भारतीय नागरिक होने की पुष्टि हो गई।

सराफा में 80 फीसदी कारीगर बंगाली है। जो जेवरों की चमक, उनमें सुधार, निर्माण, डिजाइन बनाने का काम करते हैं। कई कारीगर रात को दुकान के बाहर या कमरे में सो जाते हैं। दुकान के बाहर सोने से चोरी की संभावना कम हो जाती है, लेकिन पिछले दिनों दुकान के बाहर सोने वाली कारीगर ने ही लाखों के जेवर उड़ा लिए थे। सराफा में कारीगरों की एसोसिएशन है। पहलगाम की घटना के बाद एसोसिएशन ने नए सिरे से कारीगरों की सारी जानकारियां एकत्रित करना शुरू कर दिया है। जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कुछ नए कारीगर भी बाजार में आ चुके हैं, जो बंगाल के निवासी होना का दावा कर रहे हैं, लेकिन वे बांग्लादेशी हैं। इसकी भनक लगते ही अब एसोसिएशन कारीगरों का नए सिरे से वेरीफिकेशन कर रही है। इसमें खुद के आधार कार्ड के साथ परिवार का आधार कार्ड भी देख रही है। आधार कार्ड की सत्यता पर भी काम किया जा रहा है, क्योंकि पूर्व में कतिपय लोग फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन एक राज्य में रहने पर आधार कार्ड बनवा लेते हैं, बाद में राज्य छोडक़र चले जाते हैं, जिससे पुराने राज्य का ही उल्लेख मिलता है।