नागपंचमी पर बन रहे दो शुभ संयोग, इस तरह करे पूजा मिलेगा विशेष फल

nagpanchmi par puja kaise kare
cobra snake picture by – pixabay

nagpanchmi  नागपंचमी सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नागदेवता की पूजा की जाती है। इस बार नागपंचमी २१ अगस्त सोमवार को है। सोमवार होने से इस पर्व का विशेष महत्व बन जाता है।

नागपंचमी के दिन विशेष संयोग भी बन रहे हैं। पंचमी की तिथि २० अगस्त रविवार ९.०३ मिनट से शुरु हो जाएगी और यह २१ अगस्त को सोमवार रात ९.५४ तक रहेगी। इस दिन शुभ योग में तक्षक पूजा की जाएगी।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन पूरे समय पूजन मुहुर्त रहेगा तथा दो शुभ-शुक्ल योग भी है इस दिन। इस वर्ष नागपंचमी के दिन दो शुभ संयोग बन रहे हैं २१ अगस्त को प्रात:काल से लेकर रात ९ बजकर ४ मिनट तक शुभ योग है।

उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा जो पूरी रात तक है। इस दिन का अभिजित मुर्हुत सुबह ११ बजकर ५५ मिनिट से लेकर दोपर १२ बजकर ३५ मिनिट तक है।

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इस दिन मिट्टी, लकड़ी, चांदी या सोने की कलम से चंदन की स्याही या हल्दी या फिर कोयले के दूध में अच्छे से रुई के फोये को घिसकर पांच या सात फन वाला सर्प बनाकर पूजा करना का विशेष महत्व है। नागदेवता को पंचामृत, खीर, नैवेद्य, धूप दीप पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मण को दक्षिण भी देना अच्छा रहता है।

विधिवत नागदेवता की पूजा कर अपनी एवं अपने परिवार की रक्षा करने की प्रार्थना करना चाहिए nagpanchmi । कहते है जो व्यक्ति इस दिन सच्चे दिल से नागदेवता की पूजा अर्चना करता है उसके जीवन से समस्त प्रकार के कष्ट जल्द दूर होता है।

कालसर्प से पीड़ित लोग इसी दिन दोष निवारण के लिए पूजन कराते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और कथा पढ़ने से भी व्यक्ति को सर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इस बार यह पर्व 21 अगस्त सोमवार को है.